अहम
मेरी पहली कविता की शुरुआत हो तुम , मेरी पंकतियों में आए हर प्रेम शब्द की वज़ह हो तुम , मेरी हर तुकबंदियों का प्रयास हो तुम , मेरे विचारों से बनी हुई हर एक कहानी का भाव हो तुम , बस यूं समझ लो के , मेरी अंतिम कविता के आखिरी वाक्य का पूर्णवीरम हो तुम।